नई दिल्ली: हिंदू धर्म में अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) और वहां बाबा भोलेनाथ के दर्शन का एक अलग ही महत्व है। यही वजह है कि काफी दुर्गम रास्ता होने के बावजूद बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हर साल भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
श्रीनगर (Srinagar) से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान समुद्रतल से लगभग 13,600 फुट की ऊंचाई पर है। हर साल यहां बर्फ से अपने आप यानी प्राकृतिक रूप से शिवलिंग का निर्माण होता है और इसी शिवलिंग को देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं यहां पहुंचते हैं।
आषाढ़ पूर्णिमा से ही यहां भक्तों की भीड़ पहुंचने लगती है। शिवलिंग श्रावण पूर्णिमा को अपने पूरे आकार में आ जाता है।
इस स्थान को लेकर कई पौराणिक कथाएं भी हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर माता पार्वती को अमर होने का राज बताया था। इस गुफा की सर्वप्रथम जानकारी सोलहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में एक मुसलमान गड़रिए को प्राप्त हुई थी। इसी कारण मंदिर के चढ़ावे का एक चौथाई हिस्सा आज भी मुसलमान गड़रिए के वंशजों को दिया जाता है।
अमरनाथ यात्रा के लिए अमरनाथ के बेस कैंप पहलगाम (Pahalgam) या बालटाल (Baltal) तक आप कैसे पहुंचे इसके बारे में हम आपको पूरी जानराकी यहां दे रहे हैं।
पहलगाम तक पहुंचने का मार्ग
सड़क मार्ग-
सड़क के रास्ते अमरनाथ पहुंचने के लिए पहले आपको जम्मू तक जाना होगा। फिर जम्मू से श्रीनगर का सफर तय करना होगा। इसके बाद श्रीनगर से आप पहलगाम या बालटाल पहुंच सकते हैं। इन दो स्थानों से ही पवित्र अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होती है। श्रीनगर से पहलगाम की दूरी लगभग 92 किलोमीटर और बालटाल की दूरी लगभग 93 किलोमीटर है।
यहां भी क्लिक करें- घूमने के शौकीन हैं तो इन जगहों की सैर बारिश के मौसम में जरूर करें
हवाई मार्ग-
पहलगाम और बालटाल से अमरनाथ की पैदल चढ़ाई शुरु होती है। पहलगाम या बालटाल से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट श्रीनगर है जो करीब 90 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा जम्मू एयरपोर्ट भी दूसरा विकल्प है लेकिन यह लगभग 263 किलोमीटर दूर है। श्रीनगर ओर जम्मू एयरपोर्ट देश के लगभग सभी बड़े शहरों से जुड़े हुए हैं। श्रीनगर से आप टैक्सी या बस के द्वारा पहलगाम या बालटाल जा सकते हैं।
रेल मार्ग-
पहलगाम से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन उधमपुर है जो करीब 217 किलोमीटर दूर है, लेकिन यहां देश के सभी बड़े शहरों से कनेक्टिविटी नहीं है। जबकि जम्मू रेलवे स्टेशन, उधमपुर की तुलना में ज्यादा अच्छी तरह से पूरे देश से जुड़ा हुआ है। जम्मू रेलवे स्टेशन का नाम जम्मू तवी है यहां से देश के करीब सभी बड़े शहरों के लिए ट्रेन चलती है।
अमरनाथ यात्रा रूट
पहलगाम और बालटाल से ही अमरनाथ की पवित्र गुफा तक पहुंचने के दो रास्ते निकलते हैं। ये दोनों ही श्रीनगर से अच्छी तरह जुड़े हैं। इसलिए अधिकतर श्रद्धालु श्रीनगर से ही अपनी यात्री की शुरुआत करते हैं। पहलगाम से अमरनाथ की पवित्र गुफा की दूरी करीब 48 किलोमीटर और बालटाल से 14 किलोमीटर है।
पहलगाम रूट-
पहलगाम रूट सबसे पुराना और ऐतिहासिक रूट है। इस रूट से गुफा तक पहुंचने में करीब 3 दिन लगते हैं लेकिन यह ज्यादा कठिन नहीं है। पहलगाम से यात्रा शुरू होती है और पहला पड़ाव चंदनवाड़ी का आता है जो पहलगाम बेस कैंप से करीब 16 किलोमीटर दूर है। यहां तक रास्ता लगभग सपाट होता है। इसके बाद चढ़ाई शुरू होती है। इससे अगला यानी दूसरा पड़ाव 3 किलोमीटर आगे पिस्सू टॉप है। तीसरा पड़ाव शेषनाग है जो पिस्सू टॉप से लगभग 9 किलोमीटर दूर है। इसके बाद 14 किलोमीटर दूर अगला पड़ाव पंचतरणी का आता है। पंचतरणी से पवित्र गुफा केवल 6 किलोमीटर दूर रह जाती है।
बालटाल रूट-
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए बालटाल से कम समय में पहुंचा जा सकता है। यह काफी छोटा रूट भी है। बालटाल से अमरनाथ गुफा की दूरी लगभग 14 किलोमीटर ही है लेकिन यह रास्ता काफी कठिन और सीधी चढ़ाई वाला है। इसलिए इस रूट से ज्यादा बुजुर्ग और बीमार नहीं जाते हैं।
खुद को कैसे करें तैयार
अगर आप अमरनाथ यात्रा पर जाना चाहते हैं और बाबा के दर्शक की इच्छा रखते हैं तो आप एक महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दें। सुबह और शाम को कम से कम 4 से 5 किमी पैदल चलें और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने वाले प्राणायाम करें।
सामान जो साथ ले जाएं
गर्म कपड़े, छोटा छाता जिसे बेल्ट से सिर पर लगाया जा सके, विंडचीटर, रेनकोट, वाटरप्रूफ ट्रैकिंग जूते, टॉर्च, छड़ी, मंकी कैप, ग्लब्स, जैकेट, ऊन के मोजे, वाटरप्रूफ ट्राउजर। खाने के लिए सूखे मेवे और चॉकलेट ले जाना ना भूलें।
महिलाओं के लिए खास
यात्रा में शामिल होने वाली महिलाओं को साड़ी नहीं पहनने की सलाह दी गई है। उनके लिए सलवार कमीज, पैंट-शर्ट अथवा ट्रैक सूट सुविधाजनक रहेंगे।
सभी यात्री समय का विशेष ध्यान रखें, जैसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए सुबह की बसें ही पकड़ें।
[…] उत्तराखंड में भी पर्यटकों के लिए बेहतरीन जगह है। मॉनसून में वैली ऑफ फ्लावर्स की बात ही कुछ और है। यह बेहद ही खूबसूरत है। वैली ऑफ फ्लावर्स एक नेशनल पार्क है। कुदरत ने इस जगह को बेतहाशा खूबसूरती से नवाजा है।यहां भी क्लिक करें- Amarnath Yatra: कैसे और कहां से करें पवित्र अमरन… […]