स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार किसी वायरस से या कोरोना वायरस के किसी भी वैरिएंट से सुरक्षित रहने के लिए बचाव के उपायों को हमेशा उपयोग में लाना चाहिए। वैरिएंट कोई भी हो अगर मास्क लगाने, हाथ सही से धोने और शारीरिक दूरी के नियमों का नियमित तरीके से पालन किया जाए तो संक्रमण की आशंका काफी कम हो जाती है। इसके अलावा कोरोना वायरस रोधी टीका भी वायरस से सुरक्षा प्रदान करता है। टीके की दोनों खुराकें ले चुके लोगों में गंभीर संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। ओमिक्रॉन पर टीके के बेअसर होने की संभावना कम ही है।
कोरोना वायरस का संकट एक बार फिर से दुनिया के सामने मंडराने लगा है। इसका नया वैरिएंट ओमिक्रॉन सामने आने के साथ दुनियाभर के कई देशों में इससे संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। भारत में दूसरी जानलेवा लहर का कारण बनने वाले कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से भी इसे खतरनाक माना जा रहा है।
हालांकि इस वैरिएंट के बारे में वैज्ञानिक अभी तक कुछ स्पष्ट कह पाने की स्थिति में नहीं हैं। इस वैरिएंट में लगभग 32 म्यूटेशन देखे गए हैं। इससे पहले सबसे ज्यादा म्यूटेशन लैम्डा वैरिएंट में मिले थे, जिनकी संख्या 7 थी।
ओमिक्रॉन वायरस के लक्षण
⦁ संक्रमित मरीजों में अत्यधिक थकान देखने को मिली है।
⦁ मरीजों के ऑक्सीजन के स्तर में कोई गंभीर गिरावट देखने को नहीं मिली है।
⦁ मरीजों ने मांसपेशियों में दर्द, गला खराब होने और सूखी खांसी की शिकायत की है।
⦁ डॉक्टरों के अनुसार कुछ मरीजों में ही तेज बुखार की समस्या सामने आई है।
⦁ ओमिक्रॉन संक्रमित अधिकांश मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है।
बता दें कि ओमिक्रॉन वैरिएंट यानी बी.1.1.529 सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था। इसके बाद से यह दुनियाभर के कई देशों में पहुंच चुका है। भारत में भी इसके मामले सामने आने लगे हैं। अभी तक इससे संक्रमण के लक्षणों के बारे में भी कुछ विशेष जानकारी सामने नहीं आ पाई है। वैज्ञानिकों को इन सवालों के जवाब ढूंढने में अभी कुछ सप्ताह लगने के आसार हैं।