पटनाः लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमों चिराग पासवान ने बिहार में राजनीतिक हुंकार का आगाज कर लिया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गढ़ को चुना है। नालंदा के जिस राजगीर में नीतीश कुमार चिंतन के लिए जाते हैंए उसी जगह को चिराग पासवान और उनकी पार्टी ने एक नई राजनीतिक दिशा को तय करने के लिए चुना है। गुरुवार से राजगीर के कन्वेंशन हॉल में लोजपा ;रामविलासद्ध अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत कर चुकी है। जो 24 सितंबर तक चलेगी। इसका उद्घाटन खुद जमुई सांसद और पार्टी के मुखिया चिराग पासवान ने किया।
लोकसभा, विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी लोजपा
2024 में लोकसभा का चुनाव होना है। जबकिए 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव होगा। इसलिए प्रशिक्षण शिविर के जरिए चिराग पासवान अपनी पार्टी को अभी से ही चुनावी मोड में उतारने जा रहे हैं। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का कई बिंदुओं पर विशेष तौर पर प्रशिक्षित करने की तैयारी है। इसके लिए खासकर राजनीतिकए सामाजिकए आर्थिकए शैक्षणिकए कृषि और मीडिया के मुद्दे पर बात इस दौरान बातें होंगी। इन बिंदुओं के मजबूत और कमजोर कड़ी को लेकर चर्चा होगी। इसके जरिए बिहार के चुनावी मैदान में पार्टी को मजबूत करने की कवायद की जा रही है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव को पार्टी ने अपना मिशन माना है। इसलिए यह प्रशिक्षण शिविर कई मायनों में महत्वपूर्ण है।
चिराग को भविष्य का सीएम मानती है लोजपा
लोजपा ;रामविलासद्ध के नेता चिराग पासवान को भविष्य में बिहार का मुख्यमंत्री मानते हैं। इसलिए इस मुद्दे पर तीन दिनों के इस प्रशिक्षण शिविर के दौरान बड़ा रणनीतिक फैसला लेने की बात पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता की ओर से कही जा रही है। चिराग पासवान के बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट के विजन डॉक्यूमेंट को भी इस दौरान पेश किया जाएगा। सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को इसके बारे में बताया जाएगा। तभी वो पार्टी के नीतियों और सिद्धांतों को जन.जन तक पहुंचा पाएंगे। प्रवक्ता के अनुसार पार्टी के सभी राष्ट्रीय नेताए प्रदेश के सभी पदाधिकारीए सभी जिलों व प्रखंड अध्यक्षए कार्यकर्ता और हर स्तर की महिला कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है।
नीतीश को सीधी टक्कर देने की तैयारी में चिराग
चिराग पासवान और उनकी पार्टी नालंदा में नीतीश कुमार और उनकी पार्टी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है। इसी वजह से इनका लक्ष्य है कि नालंदा जिले में पासवान वोटर्स के साथ ही दलितों.महादलितों को एक जुट किया जाए। क्योंकिए नांलदा जिला में 2 लाख 56 हजार 63 वोटर्स सिर्फ पासवान हैं। जबकिए दलित.महादलित वोटर्स को मिला दिया जाए तो इनकी कुल संख्या साढ़े 5 लाख से 6 लाख के बीच हो जाएगी। अगर ये वोटर्स एकजुट हो गए तो चिराग पासवान को इसका लाभ मिल सकता है।