भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई। इस दुखद घटना में उनके साथ उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की जान चली गई। भारत के पहले सीडीएस को लेकर ऐसी दुखद खबर आने से देश में गम का माहौल है।
बता दें कि तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हेलिकॉप्टर में बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी साथ थी। जानकारी के मुताबिक, सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ वेलिंगटन में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। कुन्नूर के घने जंगल में यह हादसा हुआ था।
उत्तराखंड से थे CDS बिपिन रावत
लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत के बेटे बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे थे। उनका परिवार कई पीढ़ियों से सेना को अपनी सेवाएं देता आया है। बिपिन रावत, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के छात्र थे। उन्हें दिसंबर 1978 को भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से 11वें गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर ‘से सम्मानित किया गया था।
बिपिन रावत का परिवार
बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत आर्मी वेलफेयर से जुड़ी हुईं थीं। वो आर्मी वुमन वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष भी थीं। बिपिन रावत अपने पीछे दो बेटियों को छोड़कर गए हैं। दोनों बेटियों ने मां-बाप को एक साथ खो दिया है।
2016 में थल सेना अध्यक्ष बने थे बिपिन रावत
CDS बनाए जाने से पहले बिपिन रावत 27वें थल सेनाध्यक्ष बने थे। आर्मी चीफ बनाए जाने से पहले उन्हें 1 सितंबर 2016 को भारतीय सेना का उप-सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था।
देश को विशिष्ट सेवाएं देने के लिए कई बार हुए सम्मानित
बिपिन रावत को आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का कई वर्षों का अनुभव था। बिपिन रावत ने ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में भी कई सालों तक काम किया। उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें ‘परम विशिष्ठ सेवा मेडल’ से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ठ सेवा मेडल आदि सम्मानों से नवाजा गया था।