लखनऊ: चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में तीन दिनों तक चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के बाद गुरुवार को कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां समय से चुनाव करवाना चाहती है। लखनऊ में चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हमसे मुलाकात की। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ”सभी राजनीतिक दलों ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर चुनाव कराए जाएं।
Representatives of all political parties met us and told us that elections should be conducted on time following all COVID19 protocols: Chief Election Commissioner Sushil Chandra on 2022 UP Assembly elections pic.twitter.com/0xmDP9rwH1
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 30, 2021
महिला मतदाताओं की पहचान करने की व्यवस्था का सुझाव
चुनाव आयुक्त ने कहा कि महिला मतदाताओं की सुरक्षा को लेकर और महिला मतदाताओं की पहचान की व्यवस्था करने की भी सलाह दी गई है। कुछ दलों ने कुछ अधिकारियों पर पक्षपात का आरोप लगाया। अधिकतर राजनीतिक दलों ने धनबल, शराब आदि के प्रयोग को लेकर लेकर चिंता जाहिर की है।
5 जनवरी को आयेगी फाइनल वोटर लिस्ट
चुनाव आयोग ने कहा कि 5 जनवरी को अंतिम वोटर लिस्ट आएगी। उत्तर प्रदेश में 52 फीसदी नए वोटर और महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। सभी राजनीतिक दल समय पर चुनाव के पक्ष में हैं। बता दें कि अगले साल फरवरी-मार्च के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं।
चुनाव आयुक्त ने कहा कि राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद सभी एसपी, डीआईजी, कमिश्ननर से मिलकर हालात का जायजा लिया गया। इसके बाद सभी नोडल अधिकारियों से चर्चा की गई। सबसे अंत में मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य अधिकारियों से बातचीत की।
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें:
- मतदाता जागरूकता और सुरक्षा व्यवस्था संबंधी सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बातचीत की गई
- जीएसटी, एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट समेत तमाम विभागों से बातचीत की गई।
- प्रमुख सचिव डीजी पुलिस हेल्थ सेक्रेट्री से भी मुलाकात की।
- सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन से समय पर चुनाव होने की बात कही।
- कुछ राजनीतिक दलों ने रैलियों में कोरोना के उल्लंघन का भी जिक्र किया।
- पोलिंग बूथों पर महिला पुलिस कर्मियों की पर्याप्त व्यवस्था की बात कही।
- प्रशासन के पक्षपाती रवैया की भी राजनीतिक पार्टियों ने शिकायत की।
- कुछ राजनीतिक पार्टियों ने उनकी पार्टियों की रैलियों पर रोक लगाने का भी जिक्र किया।
- रैलियों में हेट स्पीच और पेड न्यूज़ पर भी चिंता जाहिर की।
- भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक पार्टियों के सभी बिंदुओं पर विचार विमर्श किया है।