मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य के पुत्र शनि देव से मिलन होता है। धनु राशि से निकलकर सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति को सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव से मिलने उनके घर जाते हैं। जो लोग मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की आराधना करते हैं, उनको शनि दोष से मुक्ति मिलती है और उनका घर धन-धान्य से भर जाता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी (शुक्रवार) को मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति का पर्व इस साल खास रहने वाला है। इस साल कुछ विशेष संयोग इस त्योहार का महत्व बढ़ा रहे हैं।
मकर संक्रांति पर बन रहे ये शुभ संयोग-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल मकर संक्रांति की शुरुआत रोहिणी नक्षत्र में हो रही है। यह 14 जनवरी की रात 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस नक्षत्र में दान-धर्म के कार्य और पूजन-पाठ करना शुभ फलदायी होता है। इसके अलावा इस पर्व पर ब्रह्म योग व आनंदादि योग भी बन रहे हैं।
सभी प्रकार की असुविधाओं को दूर करता है आनंदादि योग:
शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्य योग को शांतिदायक कार्यों को प्रारंभ करने के लिए शुभ माना जाता है। वहीं आनंदादि योग सभी प्रकार की असुविधाओं को दूर करता है। कहते हैं कि इस योग में किए गए कार्यों से हर काम में बाधाएं और चिंता दूर होती है। इसलिए किसी भी काम को शुरू करने के लिए आनंदादि योग बेहद शुभ माना जाता है।
क्या दान करें मकर संक्रांति पर:
मकर संक्रांति के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन खिचड़ी का दान देना विशेष फलदायी माना गया है। इस दिन से सभी शुभ कार्यों पर लगा प्रतिबंध भी समाप्त हो जाता है।