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लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश की सत्ता की कमान संभालने जा रहे योगी आदित्यनाथ किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। योगी भाजपा के हिंदुत्व के प्रमुख चेहरे हैं। योगी आदित्यनाथ 26 साल की उम्र में 12वीं लोकसभा के सबसे कम उम्र के सदस्य बने थे। वो गोरखपुर से लगातार पांच बार सांसद निर्वाचित हुए हैं।

2017 में सीएम बनने के बाद अब योगी का कद पार्टी में काफी बड़ा हो गया है। प्रखर एवं उग्र हिंदुत्व के पोषक माने जाने वाले आक्रामक भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ को अब यूपी के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों के लोग भी पसंद करने लगे हैं।

2017 में सीएम पद की शपथ लेने से 11 साल पहले योगी के साथ ऐसा हो गया था कि लोकसभा में स्पीकर के सामने रो पड़े थे और यूपी पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया था। जानिये पूरा किस्सा।

पूर्वांचल की राजनीति में योगी आदित्यनाथ की पकड़ काफी पहले से बनी हुई है। साल 2006 में वह लोकसभा में यूपी पुलिस की बर्बरता का वर्णन करते हुए रो पड़े थे । तब उन्होंने तत्कालीन समाजवादी सरकार पर कई तरह के आरोप भी लगाए थे। उस समय मुलायम सिंह यादव राज्य के सीएम थे। योगी ने लोकसभा में अपनी बात रखने के लिए तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से विशेष अनुमति ली थी। 11 दिनों तक जेल में थे योगी जब योगी अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो वह कुछ बोल नहीं पाए और फूट-फूट कर रोने लगे। कुछ देर तक वे कुछ बोल नहीं पाए और रोते रहे। थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रही है और उन्हें जान का खतरा है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को तब बताया था कि गोरखपुर जाते हुए उन्हें शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और जिस मामले में उन्हें सिर्फ 12 घंटे बंद रखा जा सकता था, उस मामले में उन्हें 11 दिन जेल में रखा गया।

गौरतलब है कि साल 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो उसमें गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ का नाम आया। इस मामले में उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया और उनकी गिरफ्तारी भी हुई। जिसके बाद जमकर बवाल मचा था, जगह-जगह सांप्रदायिक हिंसा भी देखने को मिली थी। इसके अगले साल 2008 में आजमगढ़ में योगी आदित्यनाथ पर जानलेवा हमला हुआ था। जिसमें योगी की जान बाल-बाल बची थी। तब हमलावरों ने 100 से ज्यादा गाड़ियों को घेरकर हमला कर दिया था। जिसमें योगी के काफी समर्थक घायल हुए थे। इस हमले में योगी की जान बचाने के लिए उनके अंगरक्षक को फायरिंग करनी पड़ी थी, जिससे भीड़ में शामिल एक युवक की मौत भी हुई थी। उसके बाद योगी और उनके कई समर्थकों पर मुकदमें दर्ज किए गए। तब यूपी पुलिस ने पीएसी लगवाकर कई बार योगी के ठिकानों पर दबिश देना शुरू कर दिया था। इन सभी चीजों का वर्णन करते हुए योगी लोकसभा में फूट-फूट कर रो पड़े थे।

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