आज जहां एक मामूली सा आदमी गांव का प्रधान बनने के बाद अपनी सात पुस्तों का जुगाड़ कर लेता है। विधायक, मंत्री बनते ही अपने पूरे खानदान की किस्मत बदल देता है। अपने पूरे परिवार को मालामाल कर देता है। वहीं आज भी ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपनी ईमानदारी की मिसाल कायम की है।जी हां हम बात कर रहे हैं देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बहिन की।
दरअसल भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की बहन आज भी उत्तराखंड के एक मंदिर में फूल और प्रसाद बेचकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही हैं।
फूल बेचकर अपना गुजारा करती हैं योगी की बहिन
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के नीलकंठ मंदिर में जहां योगी की 3 बहनों में सबसे छोटी बहिन शशि मंदिर में प्रसाद और फूलों की माला बनाकर बेचती है। शशि अपने पति पूरण के साथ नीलकंठ मंदिर के पास पार्वती धाम में फूल प्रसाद माला की दुकान चलाती है और एक झोपड़ी में अपने परिवार के साथ जीवन यापन कर रही है। सीएम योगी की बहिन को इस हाल में देखकर कोई भी धोखा खा सकता है कि क्या सच में यही योगी आदित्यनाथ की बहिन है।
नीलकंठ मंदिर से लगभग 5 किलोमीटर ऊपर पार्वती मंदिर के पास इनकी दुकान है। शशि नहीं चाहती कि किसी को पता चले कि वो योगी आदित्यनाथ की छोटी बहिन है।
घर छोड़ने के बाद शशि की योगी से नहीं हुई बात
शशि ने बताया कि उनकी शादी 1992 में गढ़वाल के रहने वाले पूरन से हो गई थी। शशि की शादी के तुरंत बाद योगी आदित्यनाथ उर्फ अजय बिष्ट घर छोड़कर चले गए। शशि ने कहा कि जब से योगी सांसद बने तब से लेकर अब तक उनकी भाई योगी से कोई बात नहीं हो पाई है। बचपन को याद कर भावुक होते हुए शशि ने बताया कि परिवार में सब कुछ बहुत बेहतर चल रहा था, 7 भाई-बहनों के साथ योगी भी पढ़ाई लिखाई और परिवार के कामों में अपना हाथ बंटाते थे।
शशि के साथ स्कूल जाते थे योगी
शशि ने बताया कि वे ही योगी को स्कूल से लाने और ले जाने का काम करती थी। भाई के सीएम बनने के बाद कई लोग पूछने आते हैं मजबूरन हमें मना करना पड़ता है कि मै उनकी बहिन नहीं हूं। शशि ने कहा कि वह अपने परिवार में खुश हैं, बस दुख इस बात का है कि पिछले 27 सालों से वह भाई योगी और परिवार से नहीं मिल पाई हैं।
बचपन के दिनों को याद कर भावुक हुईं शशि
आखिर में बचपन की दिनों को याद करते हुए नम आंखों से योगी की बहन शशि ने कहा, बचपन में रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन वह अपने चारों भाइयों को सामने बैठाकर राखी बांधती थीं और उपहार के तौर पर अजय बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) उनसे यही कहा करते थे कि अभी तो फिलहाल में कुछ नहीं कमा रहा हूं, लेकिन जब बड़ा हो जाऊंगा तो तुम्हें खूब सारे उपहार दूंगा। शशि आज भी अपने भाई का इंतजार कर रही है।